उपकार संसार का उपकार , aur प्रकृति का नियम
नमस्कार दोस्तों मैं आज आपके लिए लेकर आई हूं
एक बहुत ही अच्छी और शानदार स्टोरी जो बहुत ही ही मजेदार है
बहुत पुराने समय की बात है कि उस समय एक बादशाह रहा करता था
जिसका नाम था " अकबर" 1 दिन बादशाह के दिमाग में बात उप जी कि क्यों ना दो माह तक एक माह का नियम कर दिया जाए
अपनी इस खबर को बादशाह ने बीरबल के सामने उनके मशवरे के लिए रखी कहा बीरबल हम चाहते हैं कि 2 माह का एक माह नियम कर दें,
इससे हमारा नाम युग युग तक चलता रहेगा
वाह वाह खूब "" बीरबल "" ने कटाक्ष पूर्ण भाव में बादशाह के निश्चित की प्रशंसा करते हुए कहा आलमपनाह इस संसार का बड़ा उपकार होगा क्योंकि 15 दिन के बजाय चांदनी एक माह तक रहा करेगी बीरबल के इस व्यंग को सुन बादशाह ने तुरंत अपना विचार वापस ले लिया क्योंकि प्रकृति के नियमों में फेरबदल कर पाना इंसान के बस की बात नहीं है,
दोस्तों आपको कैसी लगी मेरी पोस्ट मुझे जरूर बताएं
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बहुत पुराने समय की बात है कि उस समय एक बादशाह रहा करता था
जिसका नाम था " अकबर" 1 दिन बादशाह के दिमाग में बात उप जी कि क्यों ना दो माह तक एक माह का नियम कर दिया जाए
अपनी इस खबर को बादशाह ने बीरबल के सामने उनके मशवरे के लिए रखी कहा बीरबल हम चाहते हैं कि 2 माह का एक माह नियम कर दें,
इससे हमारा नाम युग युग तक चलता रहेगा
वाह वाह खूब "" बीरबल "" ने कटाक्ष पूर्ण भाव में बादशाह के निश्चित की प्रशंसा करते हुए कहा आलमपनाह इस संसार का बड़ा उपकार होगा क्योंकि 15 दिन के बजाय चांदनी एक माह तक रहा करेगी बीरबल के इस व्यंग को सुन बादशाह ने तुरंत अपना विचार वापस ले लिया क्योंकि प्रकृति के नियमों में फेरबदल कर पाना इंसान के बस की बात नहीं है,
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