ऐक पैड़ दो मालिक
नमस्कार दोस्तों मैं आज आपके लिए बहुत ही अच्छी और एक शानदार स्टोरी लेकर आई हूं यह स्टोरी है एक पेड़ दो मालिक एक मशहूर राजा बहुत दिनों पहले हुआ करता था जिसका नाम था अकबर अकबर बादशाह को तो आप सभी जानते ही हैं एक बार अकबर बादशाह के पास एक अनोखा झगड़ा आया दोनों के बीच आम के पेड़ को लेकर विवाद था एक व्यक्ति का नाम था केशव दूसरे का नाम था राघव दोनों पड़ोसी थे उनके मकान के सामने वाली खाली पड़ी जमीन पर एक आम का पेड़ था आम के पेड़ पर उसी वर्ष और आकर फल लगे थे केशव कहता था पेड़ मेरा है राघव का दावा था पर उसका है सबसे बड़ी दिक्कत थी कि 2 माह पूर्व पेट की रखवाली के लिए नौकर रखा गया था नौकर का कहना था कि पेड़ के फलों की रखवाली के लिए उसे दोनों ने ही नौकर रखा उन्हें वेतन दोनों से आधा-आधा मिला अतः यह वह नहीं कह सकता था कि पेड़ का असली मालिक कौन है बादशाह ने उसका फैसला करने की जिम्मेदारी दिलबर पर छोड़ दी बीरबल ने दोनों की बात सुनी दोनों अपने-अपने दावे से टस से मस न हुए रखे गए नौकर की बात अपनी जगह 18 दोनों को दावेदार मानता था पड़ोसी पड़ोसी लोगों को बुलाकर पूछा गया तो कोई विश्वास के साथ ना कह सका कि आम के पेड़ का असली हकदार कौन है और राघव पड़ोसी पड़ोसी थे आम के पेड़ के नीचे उठते-बैठते पानी देते दोनों ही देखे जाते आधे-आधे के हकदार बनने को तैयार ना थे न्याय उचित रूप से करना था जब बीरबल ने दोनों दावेदारों से वहां से जाने की आज्ञा देकर अगले दिन आने को कहा रखवाले नौकर को अपने यहां रोककर बीरबल ने कहा वह फैसला तक चौकीदारी सबम करा लेंगे रात के कोई आज 9:00 बजे के करीब अपने दो विश्वस्त नौकरों को पेड़ की रखवाली के लिए भेजते हुए उन्हें कुछ बात बीरबल ने समझाई उनके पीछे रखवाले चौकीदार को पहले केशव के यहां भेज कर बीरबल ने कहलवाया आम के पेड़ के नीचे कुछ और नजर आए हैं रातों-रात सारे फल तोड़ ले जाना चाहते हैं चल कर उन्हें देखें केशव उस समय घर पर नहीं था पत्नी थी उसने संदेश और बोली को आने दो भेज दूंगी रखवाले चौकीदार ने राघव के यहां जाकर उसी अंदाज से बीरबल की सिखाई बात कही इतिफाक से राघव भी उस समय घर पर नाटक रखवाले चौकीदार के संदेश आने के बाद बीरबल के भेजें दोनों विश्वास व्यक्ति केशव और राघव के घर के पीछे दीवार की ओट में अंधेरा का लाभ उठाकर चुनाव घर आया तो उसकी पत्नी ने रखवाले चौकीदार की बात बताई खाना लगाओ बगैर खाए पिए चोरों से मुकाबला करने जाए जो कुछ होगा देखा जाएगा और फिर कौन सा पेड़ मेरा क्यों अपनी जान खतरे में डालने हैं तो हथियारों से लैस ही होंगे यह कहकर खाना खाकर सो गया दूसरी और राघव के घर आने पर उसकी पत्नी ने जब भी चौकीदार का संदेश दिया तो उसने बाहर की ओर
Lata kar get lucky लपककर झट लाठी उठाई और बाहर की और लक्खा पत्नी बोली खाना तो खाते जाइए रघु भोला खाना तो वापस आकर भी खाया जा सकता है पर चोरों ने फल चुरा लिया तो उसे लौटा या नहीं जा सकता इतने वर्षो की मेहनत के बाद पेट पर फैलाएं उनकी हिफाजत जरूरी है दोनों की बातें सुनकर बीरबल ने भी स्वस्थ नौकरों ने बीरबल को जानकारी दी अगले दिन केशव राघव फैसला सुनने बीरबल के पास पहुंचे तो बीरबल के सामने काफी हद तक बाद शादी फिर भी सच्चा न्याय देने के लिए उन्होंने कहा काफी सोच विचार के बाद में इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि वह पेड़ तुम दोनों के झगड़े की जड़ है दशहरे पर छुड़वा दिया जाए और पेड़ पेड़ को काट कर वहां की जगह साफ करा जाए रुक कर के सब से पूछा क्योंकि सब क्या करें आप मालिक हुजूर जो मुनासिब समझें करें प्रगति करते हुए कहा इसी साल तो पेड़ पर आए हैं उन्हें कैसे लिया जा सकता है बिल्कुल ठीक से ऊपर भी तो प्रतिबिंब होते हैं फिर से उधार लिया गया रुपया कैसे लौटाया जा सकता है बीरबल ने जवाब दिया तुमने झूठा अभियोग लगाकर श्यामदास गवाहों तथा अदालत का समय बर्बाद किया इसके स्वरूप तुम पर ₹10 जुर्माना लगाया जाता है ताकि नसीहत रहे और आइंदा कोई ऐसा ना करें बीरबल की बादशाह की भी संतुष्ट रामदास को रोते झुकते जुर्माना अदा करना पड़ा
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