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एक हिंदी मोरल स्टोरी hindi moral stories sapya mewati

सलाम वालेकुम दोस्तों मैं सुकून अत आप सभी का फिर से स्वागत करती हूं मैं अपने ब्लॉगर पर


मैं इस पोस्ट में एक रोचक और बेहतरीन शानदार कहानी आपको बताऊंगी

यह कहानी एक बंदर और एक मगरमच्छ की है
         The  Monkey and
             The Crocodile


एक बंदर एक नदी के किनारे फलदार पेड़ पर रहता था

उसने एक दिन एक मगर से दोस्ती कर ली उसे स्वादिष्ट फल खाने को दिए और कुछ उसकी पत्नी के लिए भेजें


वह नियमित मिलते थे और बातें करते थे बंदर पेड़ पर रहता था और मगर नीचे धर

एक नदी के किनारे फलों से लदे हुए वृक्ष पर एक बंदर का घर था वह वहां बहुत खुश था तथा जी भर कर अपनी पसंद के फल खाया करता था

बंदर बहुत खुश था लेकिन अकेला था उस से बातें करने के लिए तथा फलों को बांट कर खाने के लिए एक साथी की जरूरत थी लेकिन वहां आसपास कोई नहीं था कोई बंदर भी नहीं एक दिन मगरमच्छ नदी के किनारे आया



बंदर ने उसे नमस्कार किया तथा बोला क्या तुम इस नदी में रहते हो क्या तुम फल खाना पसंद करोगे

मगरमच्छ ने नर्मतापूर्वक उसके नमस्कार का उत्तर दिया और बोला मैं यहां अपनी पत्नी और अपने लिए खाने की खोज में आया था मुझे फल देने की कोशिश करके आपने अच्छा किया

बंदर ने सबसे निकट वाले टहनी से कुछ फल तोड़े तथा नीचे फेंक दिए मगरमच्छ को वह बहुत स्वादिष्ट लगे वह बोला धंयवाद क्या मैं अगले बार भी कुछ फल ले सकता हूं

 बंदर ने जवाब दिया बिल्कुल जितना चाहो अपने लिए तथा अपनी पत्नी के लिए ले जा सकते हो दोबारा आना मैं यहां बिल्कुल अकेला होता हूं



मगरमच्छ अब निरंतर बंदर hindi moral stories



मगरमच्छ अब निरंतर बंदर के पास आता और अपने मेजबान द्वारा फेंके गए फलों को खाता वह कुछ फल अपनी पत्नी के लिए घर भी ले जाता बंदर और मगरमच्छ अब बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे वह खूब बातें करते तथा बातें करते हुए कभी न थकती वह पक्षियों और जानवरों की बातें करते आस-पास के गांव में रहनेवाले गांव वालों को बरसात की कमी के कारण फसलें उगने में जो मुश्किलें आए वह इस बारे में भी बात करते थे

 एक दिन मगरमच्छ को बंदर के साथ अन्य दिनों के मुकाबले कुछ ज्यादा ही वक्त लग गया उसकी पत्नी को इंतजार करते बहुत गुस्सा आया और उसे अपने नवजात शिशुओं को भी अकेले ही संभालना पड़ा वह बोली यह तुम्हारा कौन सा देश है जो तुम्हें इतना प्यारा है


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          मगरमच्छ बोला वह एक बहुत प्यारा बंदर है वह एक फल के पेड़ पर रहता है वह प्रतिदिन तुम्हारे लिए फल भेजता है क्या तुम सोचती हो मैं पेड़ों पर चढ़ता हूं

एक अच्छा बंदर मगरमच्छ की पत्नी सपष्ट कथा बोलते हुए बोली यदि आप मुझसे पूछो तो यह बंदर मेरा भोजन होना चाहिए मेरा उसका दिल खाने की बहुत इच्छा है

मगरमच्छ चिल्लाया कितनी मूर्खतापूर्ण बातें करती हो मैं एक दोस्त को नहीं मार सकता लेकिन स्वाद बदलने के लिए मुझे कभी-कभी बंदर खाना बुरा नहीं लगेगा 

मगरमच्छ की पत्नी ने आदेश दिया तुम उसे यहां लाओ मैं उसे देखना चाहती हूं उसके पति ने घोषणा की इसलिए कि तुम उसे खा सको कदापि नहीं उसकी पत्नी अत्याधुनिक रोस्ट हो गई और बच्चों को अपने पिता को तंग करने के लिए छोड़ कर नदी के तल में जाकर छुप गई

मगरमच्छ गंभीर असमंजस में पड़ गया वह अपनी पत्नी से प्यार करता था लेकिन उसे अपना मित्र भी बहुत प्रिय था आखिरकार उसने पत्नी का साथ देने का निश्चय किया वह उसकी जीवनसाथी थी उसने अपने आप से कहा मैं जानता हूं एक दोस्त से धोखा करना पाप है लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है मैं बंदर को अपने घर आमंत्रित करुंगा तथा आशा करता हूं सब भला हो मगरमच्छ जब अगली बार बंदर के पास गया बोला मेरी पत्नी तुम्हें भोजन के लिए बुला रही है तुम आज मेरे घर चलो


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बंदर बोला बहुत खुशी से मुझे तैरना नहीं आता लेकिन मैं तुम्हारी पीठ पर सवारी कर लूंगा और वह निकल पड़े
      नदी के बीच में जहां पानी का बहाव तेज था मगरमच्छ अपनी इच्छा ज्यादा देर तक ना चुका सका वह हिचकिचाते हुए बोला दोस्त क्षमा करना मुझे अब पानी के नीचे जाना पड़ेगा मैं तुम्हें मारने के लिए आया हूं मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाए बिना जीवित नहीं रह सकती अलविदा

बंदर बहुत डर गया और मुश्किल में पड़ गया लेकिन वह सब बंदरों की भांति समझदार और चतुर था वह शांत रहावे शांतिपूर्वक बोला मैं तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के लिए कुछ भी कर सकता हूं तुम मेरे इकलौते दोस्तों एक मगरमच्छ की पत्नी के जीवन के सामने एक बंदर के दिल का क्या मूल्य है लेकिन तुम इतने मूर्ख कैसे हो सकते हो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया मैं अपना दिल साथ लेकर आता



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मगरमच्छ अनजान की बनती बोला लेकिन तुम्हारा दिल कहां है मैं सोचता था कि तुम हमेशा उसे अपने साथ लेकर चलते हो
         बंदर विश्वास जीते हुए बोला निसंदेह नहीं वह तो पेड़ पर है जल्दी वापस चलो और उसे लेकर आओ तुम्हारी पत्नी इंतजार कर रही होगी

मगरमच्छ फब करते हुए बोला कितनी गलती हो गई मगरमच्छ ने पेड़ पर पहुंचने के लिए एक बड़ा चेक कर लिया तो दोनों जोर से हंसने लगे
  नदी के किनारे पहुंचकर बंदर ने पेड़ के ऊपर छलांग लगाई और चैन की सांस ली उसने पेड़ से कुछ फल तोड़ते हुए नीचे फेंकते हो ना तुम अपनी पत्नी को मेरे दिल की जगह कुछ फल देना ताजे फल शरीर और दिमाग के लिए अच्छे होते हैं अलविदा दोस्त और तुम बुरा ना मानो हम अब कभी नहीं मिलेंगे दुखी मगरमच्छ को अब समझदार हो चला था कुछ अच्छे आंसू बहाए और घर की ओर बढ़ा वह अपनी पत्नी को एक दो बातें बताने की जल्दी में था



निष्कर्ष



कैसी लगी आपको मेरी यह स्टोरी प्लीज आप मुझे कमेंट में बताएं शेयर जरूर कीजिए और Facebook पर भी मुझे बता सकते हैं मेरा परिचय सुकूनत m b h नाम से और मेरा Facebook page sakunat love dose pe




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